AePS Transaction record Book

AePS Transaction Record Book

जब भी आप कोई AePS ट्रांसक्शन करते है, उस लेनदेन को एक रजिस्टर में नोट करके रखे। वह चाहे failed transaction हो या फिर मिनी स्टेटमेंट यह एक अच्छी आदत है, जिससे भविष्य में होने वाली परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सकता है।

मान के चलिए, की एक ग्राहक आपके ग्राहक सेवा केंद्र से पैसा विड्राल करता है, और विड्राल करते वक्त अगर पैसा फंस जाता है। और यह बात वह आप नोट नहीं कर पाता और ना ही ग्राहक बता पाते है। कुछ दिन गुजरने के बाद फिर वही ग्राहक आपके BC पॉइंट पर नगद निकाशी करता है। और ट्रंसक्शन सफल होने पर ग्राहक को पता चलता है की अकाउंट में पैसा कम है, तो आप बुरी तरह फंस सकते है। क्योंकि वह ग्राहक दवा करेगा की उसका पैसा आपने शायद पिछले बार ही निकाल लिया है।

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बाद में आप failed transaction का स्टेटमेंट देखेंगे तो शायद ही आपको वह ट्रांसक्शन मिल जाये, कुछ कम्पनिया फेल्ड ट्रांसक्शन जल्दी मिटा देते है।
इस प्रकार के परेशानियों से बचने के लिए प्रत्येक लेनदेन ग्राहक सामने करे और रजिस्टर अवश्य मेन्टेन करे।यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस आता है, तब भी यह ट्रांसक्शन रिकॉर्ड उन्हें दिखाने में मददगार साबित हो सकता है। इसलिए ट्रांसक्शन रिकॉर्ड करने के लिए एक सेपरेट रजिस्टर रखे। और सभी ट्रांसक्शन साथ -साथ रिकॉर्ड करते रहे।

इससे आपके ट्रांसक्शन में भी पारदर्शकता आएगी।[info_circle edge_radius=”80″ start_degree=”90″ icon_size=”32″ img_icon_size=”32″ content_icon_size=”32″ responsive_breakpoint=”800″][info_circle_item]बैंक स्टेटमेंट पर लिखा नहीं होता की ग्राहक कोनसे CSP से पैसा निकाला है। इसलिए बैंक स्टेटमेंट से पता लगाना मुश्किल होता है।[/info_circle_item][/info_circle]

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Record keeping is best practice

हमने AePS ट्रांसक्शन रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रारूप तैयार किया है जिसे आप डाउनलोड और  प्रिंट करके आपके सेण्टर में रख सकते है।

इस प्रारूप में कुल 7 फील्ड है – चलिए देखते है ये फील्ड किस प्रकार से भर सकते है? –

  1. Sr. No. : इस फील्ड में सीरियल नंबर लिखा हुआ है, यह पहले ही भरा हुवा है, इस कॉलम पर कुछ भी लिखने की आवश्यकता नहीं है।
  2. समय : जिस समय पर आपने ट्रांसक्शन किया वह लिखे।
  3. आधार संख्या : आधार  कार्ड के आखरी 4 संख्या लिखे, ये आपको स्टेटमेंट में ट्रांसक्शन ढूंढने में मददगार साबित होगी।
  4. ग्राहक का नाम : ग्राहक का नाम लिखे।
  5. RRN नंबर : लेनदेन सफल हो  असफल, लेकिन लेनदेन के साथ RRN जनेरेट होता है वह नोट करे। या फिर लेनदेन की स्थिति नोट करे।
  6. रकम : नगद निकाशी करने पर रकम लिखे अन्यथा ट्रांसक्शन का टाइप लिखे (बैलेंस इन्क्वायरी, मिनी स्टेटमेंट)
  7. ग्राहक का सिग्नेचर (सही) : इस कॉलम में ग्राहक का सिग्नेचर ले।

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About
Nandeshwar Katenga

The author is a Computer Engineer and has been working in the field of AePS (Aadhaar Enabled Payment System) since 2016, in roles such as retailer, distributor, and super distributor. They also enjoy writing blogs related to technical, marketing, programming, and more. You can contact them at [email protected] and WhatsApp.

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